जब भी गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस का दिन करीब आने लगता है तो जैसे ये वक्त ठहर गया हो कुछ पलों के लिए। हाथ कुछ कर नहीं पाते, आँखें नम हो जाती है, हृदय भर आता है उन शहीदों के लिए जिन्होनें अपने प्यारे देश भारत अपनी मातृभूमि के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया .......
आज़ाद भारत में जन्म लेने से हम वह ज़ज्बात महसूस करने से वंचित रहे और हमेशा रहेंगे ........
पर आज भी कई जगह है जैसे अंडमान निकोबार की सेलूलर जेल, जलियावाला बाग़ (अमृतसर) जहाँ की दीवारें और गलियां आज भी एक जोश में चीख चीख कर कह रही हैं.....


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