Sunday, October 11, 2009

नटखट कन्हैया

जमुना नदी में नहाती गोपियों के वस्त्र हरण कर नटखट कन्हैया जी कदम्ब के वृक्ष पर चढ़ गए हैं। गोपियाँ अपने वस्त्र ढूँढ़ती है व क्रोधित होती हैं तत्पश्चात थक हार के कन्हैया जी से अपने वस्त्र मांगती हैं।


अध्यात्म में इसका अर्थ यह हैं कि "आत्मा अपने सांसारिक मोहमाया का त्याग कर अपने प्यारे प्रभु से मिलती है।"

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