आज बिरज में होली रे रसिया
होरी है रे रसिया, बरजोरी है रे रसिया। आज बिरज में ....
होरी है रे रसिया, बरजोरी है रे रसिया। आज बिरज में ....
इत तन श्याम सखा संग निकसे
उत वृषभान दुलारी है रे रसिया। आज बिरज में....
उत वृषभान दुलारी है रे रसिया। आज बिरज में....
ब्रत गुलाल लाल भये बादर
केसर की पिचकारी है रे रसिया। आज बिरज में .....
केसर की पिचकारी है रे रसिया। आज बिरज में .....
बाजत बीन, मृदंग, झांझ डफली ,
गावत दे -दे - तारी रे रसिया। आज बिरज में ......
श्यामा श्याम मिल होली खेलें, तन मन
धन बलिहारी रे रसिया,
आज बिरज में होली रे रसिया।
आज बिरज में होली रे रसिया।
(बृजभाषा लोकगीत से संकलित
कविता )
5 comments:
बढ़िया
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
braj ki holi lajwabad hoti hai
संजीत जी एवं संजय जी आप सभी का शुक्रिया
काबिलेतारीफ बेहतरीन
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