ओ नन्हीं सी प्यारी गुड़िया क्या सोच रही हो?
...
...
उड़ते पंछियों को देख रही हूँ.....
देखो!.. कैसे मजे से आसमान में उड़ रहे हैं....मैं भी उन जैसा उड़ना चाहती हूँ.....सारी खुशियाँ समेट कर अपनी झोली में रखना चाहती हूँ.....
और देखो उधर बच्चे कैसे खेल रहे हैं कितनी शैतानियाँ भी कर रहें है हा हा हा ....
मैं भी उनके साथ खेलना चाहती हूँ.....और उन्हें देखिये उन बच्चों को मिट्टी से कुछ बना रहें हैं ...मैं भी मिट्टी से अपना घर बनाऊंगी, फूलों से अपना प्यारा घर सजाऊंगी.......
और हाँ मेरी एक छोटी सी प्यारी सी गुड़िया भी होगी उसकी शादी भी करुँगी.......
क्या ऐसा हो पायेगा?
उधर देखिये सारे बच्चे पाठशाला जा रहें हैं!......क्या मुझे भी जाने मिलेगा?......
दीदी.... अभी मैं जाती हूँ,.. आप से फ़िर कभी बात होगी अभी मुझे माँ के साथ काम पे जाना है ना ...
3 comments:
I WISH COMPLETE YOUR DREAM
ROSHNI JI
KABILE TARIF RACHNA
ROHNI JI KUCH NAYA HO JAYE
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